सबसे कठिन निर्णय - दूसरा बच्चा करें या ना करें या कब करें ?

हर शादीशुदा आदमी के लिए सबसे कठिन फैसला होता है कि दूसरा बच्चा करें या ना करें और करें तो कब करें ? फिर से माता-पिता बनने के लिये सबसे अच्छा समय कौन सा है, इस बारे में कोई नियम नहीं हैं और आपकी सबसे अच्छी रोक-थाम के बावजूद भी आपका अगला बच्चा कुल मिलाकर एक ऐसे समय पर आ जाता है जिसके बारे में आप कभी सोच भी नहीं सकते। हमारे लिये, दूसरे बच्चे का आना एक समझौता करने जैसा था। मेरी बड़ी बेटी केवल 8 महीने की थी जब मैं दूसरी बार गर्भवती हुई। हमने चीजों को वैसे ही अपनाया, जैसे-जैसे वो सामने आ रही थीं पर कहीं न कहीं हमारे मन में एक डर भी था जैसे हमसे कोई बड़ी गलती हो गयी है। [ जानें - क्या हैं गर्भधारण से जुड़ी 11 गलतफहमियाँ और उनका पर्दाफाश?]
आपके नये और सबसे छोटे शिशु होने के नाते उसे लगातार आपके ध्यान की जरूरत होती है और वह कम और कच्ची नींद लेता है। अपने दोनों शिशुओं के साथ मैं इतनी व्यस्त थी कि कई महीनों तक मुझे अपने होने का पता ही न चला। माता-पिता होने के कुछ ऐसे पहलू होते हैं जिन्हें आप माँ-बाप होकर ही समझ सकते हैं पर मेरे शिशु ही तेजी से मेरी सेहत में सुधार की वजह बने और अब हर रोज मुझे उनका सबसे ज्यादा प्यार मिलता है।
दूसरा बच्चा पैदा करने की योजना बनाते समय ध्यान रखी जानी वाली बातें/What to Keep in Mind While Planning Second Baby in Hindi
हर नये शिशु के साथ पूरे परिवार के मिजाज में बदलाव होता है और यह कुछ बातें हैं जो आपको दूसरे बच्चा पैदा करने की योजना बनाते समय ध्यान रखनी चाहिये...
क्या हो दो बच्चों के बीच का अंतर?
कुछ लोगों का मानना है कि पहला बच्चा जितना बड़ा हो उतना बेहतर होता है। इस तरह, दूसरे भाई या बहन के आने से पहले उसे आपका काफी साथ मिल चुका होता है। कुछ लोगों का सुझाव है कि बच्चों के बीच उम्र का अंतर कम होना चाहिये क्योंकि यह आपके पहले बच्चे को जीवनभर साथ देने वाला दोस्त मिलना पक्का करता है।
क्या है आपकी उम्र?
आपको हैरानी होगी कि माता-पिता बनने में उम्र काफी मायने रखती है, खास कर महिलाओं के लिये। हालांकि, इसके लिये उम्र की कोई तय समय-सीमा नहीं है। जैसे ही आप 35 साल की होती हैं, शरीर की जन्म देने की ताकत नाटकीय ढंग से कम हो जाती है लेकिन कुछ महिलायें उम्र के 40वें पड़ाव में भी कामयाबी से गर्भवती हो जाती हैं।
दूसरे गर्भधारण के समय पहले शिशु की उम्र क्या हो?
शिशु के अपने माँ-बाप के साथ रिश्ते, भाई-बहनों में आपसी मन-मुटाव और उसके खुद के सम्मान जैसे मामले में जांच के नतीजे बताते हैं कि दूसरा बच्चा पैदा करने का सही समय तब होता है जब आपका पहला शिशु 1 साल से भी कम का हो या वह 3 से 5 साल का हो (हालांकि पहले शिशु के 1 साल से कम का होने या 5 साल से बड़े होने पर, ये दोनों ही मामले, नये शिशु का पैदायशी वजन बहुत कम होने या उसके समय से पहले पैदा होने जैसे खतरों से आपको रूबरू करा सकते हैं।) पहले शिशु के 1 साल से कम होने पर उसे परिवार में अपने खास दर्जे का पता नहीं होता और वह नये आनेवाले शिशु से नाराजगी करने के लायक नहीं होता जबकि पहले शिशु के 5 साल का हो जाने पर उसके अंदर अपने-पराये और दूसरों का ध्यान खींचने की समझ आ चुकी होती है।
क्या है आपकी जीवन-शैली?
हो सकता है कि आप दूसरे बच्चे के साथ अच्छी तरह से ताल-मेल कर लिया हो, या शायद उस स्तिथि में आ चुकी हों जहाँ आप और आपके जीवनसाथी के पास फिर से एक-दूसरे के लिये समय हो या आप फिर से अपने पसंदीदा काम पर लौट चुकी हों तो इस बात पर ध्यान दें कि शिशु की जरूरत के हिसाब से आपके पास उतनी ऊर्जा और समय हो।
अपनी आर्थिक स्थिति का चेक करें
हालांकि पैसा ही सबकुछ नहीं होता पर परिवार को बढ़ाने के लिये आपकी आर्थिक स्तिथि मजबूत होनी चाहिये।
क्या है आपके जीवनसाथी की राय?
कई बार ऐसा होता है जब जीवनसाथी में से कोई एक इसके लिये राजी होता है पर दूसरा नहीं। आप दोनों की राय हमेशा एक जैसी हो यह बहुत मुश्किल से होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इसे हल नहीं कर सकते।
क्या है आपके भविष्य से जुड़ी आकांक्षा?
बेशक हर बात के अच्छे-बुरे पहलू होते हैं पर कुछ फैसले आपको अपने दिलो-दिमाग से लेने होते हैं इसलिये अपने हिसाब फैसला लेने के लिये आगे बढ़ें। अगर आपके माता-पिता और आप दोनों, दूसरा शिशु चाहते हों तो यही समय इसके लिये सबसे अच्छा है।
बेशक, दूसरे शिशु को पैदा करने के सही समय और परिवार के आकार को लेकर आस-पास हर किसी की अपनी राय होती है लेकिन यह आप पर है कि कोई भी फैसला लेने से पहले हर अच्छे-बुरे पहलू पर गौर करें।
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