गर्भावस्था की पहली तिमाही में कैसा हो आहार ?

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही (First Trimester) का मतलब फर्स्ट ट्राईमेस्टर। यह अवधि कई मायनों में खास होती है। गर्भधारण के बाद शुरुआत का यह चरण गर्भवती के साथ-साथ उसके परिवार वालों के लिए भी खुशी भरा होता है। यहीं से बच्चे का इंतजार शुरू हो जाता है। पर इस खुशी के इस समय में आपको अपहने खान-पान पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। दरअसल यहीं से बच्चे का सफर शुरू होता है। अगर आप पौष्टिक आहार लेंगी तो आपके साथ-साथ पेट में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ रहेगा। उसका विकास ठीक से होगा और हेल्दी बच्चा पैदा होगा। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसा हो पहली गर्भवस्था तिमाही में आपका आहार। [इसे भी पढ़ें - कैसा होना चाहिए दूसरी तिमाही के लिए प्रेगनेंसी आहार ?]
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में जरूरी आहार / What to Eat in First Trimester in Hindi
गर्भवस्था की पहली तिमाही (First Trimester) गर्भस्थ शिशु और गर्भवती महिला दोनें के लिए ही महत्वपूर्ण होती है। इस दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करने से गर्भावस्था की जटिलताएं कम होती हैं और गर्भपात का भी डर नहीं रहता है, जबकि आहार में लापरवाही बरतने से गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान पहुंच सकता है। आइए बात करें कि आपको क्या खाना चाहिए। [जरूर पढ़ना चाहिए - कैसा होना चाहिए गर्भवती महिला का खान पान?]
- कार्बोहाइड्रेट्स – पहली तिमाही में आपके शरीर को ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसके लिए आपको कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन प्रचूर मात्रा में करना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट्स के लिए डाइट में चावल, चपाती, फलियां, शकरकंदी और आलू को शामिल करें।
- फोलिक एसिड युक्त आहार - फोलिक एसिड का सेवन इस समय आपके लिए काफी कारगर हो सकता है। यह बच्चे के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। फोलिक एसिड के लिए आपको सरसों का साग, पालक, चावल, रोटी, हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरा, अनानास, अंगूर, केला, स्ट्रॉबेरी, दलिया व आंवला ले सकती हैं।
- आयरन और फोलेट – बच्चे के विकास के लिए आयरन और फोलेट युक्त आहार इस अवधि में आवश्यक है। इसके लिए आप आहार में चुकंदर, चीकू, बींस, संतरा, आलू, ओटमील, ब्रोकोली, अंडे और हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें।
- दुग्ध उत्पाद – पहली तिमाही में आपको दूध व दूध से बने उत्पादों जैसे दही, पनीर व घी आदि का सेवन भी ठीक से करना चाहिए। दरअसल इस अवस्था में भ्रूण को कैल्शियम और खनिजों की आवश्यकता होती है।
- दालें – पहली तिमाही में आपको अलग-अलग दालों का सेवन करना चाहिए। दरअसल दालों में विटामिन, फाइबर, आयरन व मिनरल आदि तत्व होते हैं। यह गर्भवती और भ्रूण के विकास के लिए बहुत लाभकारी है।
- पालक – पहली तिमाही में पालक का सेवन भी आपको करना चाहिए। पालक खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है और खून की कमी नहीं होती है। इसके अलावा इसमें मौजूद फ्लेवनोइड्स एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- खट्टे फल – आपके लिए इस अवस्था में खट्टे फलों का सेवन भी बेहतर होगा। खट्टे फलों में फोलिक एसिड की प्रचूर मात्रा होती है। यह गर्भावस्था की जटिलताओं को कम करती है। आपको खट्टे फलों में संतरा, मौसमी, कीनू, माल्टा, आंवला आदि का सेवन करना चाहिए।
- प्रोटीन – प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में आपको प्रोटीन की भी आवश्यकता होती है। इसके लिए आप अपने आहार में सूखे मेवे को शामिल करें। आप किशमिश, खजूर, बादाम, अखरोट का सेवन रोजाना करें।
- अंडा – अंडा खाना भी पहली तिमाही में आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा। अंडे में प्रोटीन के अलावा कैल्शियम और विटामिन डी भी प्रचूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है। आप नाश्ते में अंडा ले सकती हैं। इसके अलावा आपके लिए मीट और मछली का सेवन भी लाभकारी होगा। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि यह पूरी तरह पके हों।
पहली तिमाही में क्या नहीं खाना चाहिए ? / What to Avoid in 1st Trimester Diet in Hindi?
इस अवस्था में अच्छे आहार का सेवन व खराब आहार से दूर रहना बहुत जरूरी होता है। असंतुलित आहार लेने से शरीर में प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई दूसरी जटिलताएं भी हो सकती हैं। इसलिए कुछ खाने वाली चीजों से दूर ही रहें। आइए जानते हैं कि आपको किस तरह के आहार से परहेज करना चाहिए।
- कॉफी व चाय – गर्भावस्था के तीसरे महीने में चाय, कॉफी का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। इससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा अधिक चाय व कॉफी पीने से भ्रूण में जन्मदोष होने की आशंका भी रहती है। [जरूर पढ़ लें: प्रेग्नेंसी के दौरान कितनी मात्रा में चाय-कॉफी का सेवन करना चाहिए]
- शराब व तंबाकू – अगर आप शराब व तंबाकू खाती हैं, तो इस समय अवधि में आपको शराब व तंबाकू से भी परहेज करना चाहिए। इनके सेवन से आपके भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है। आपको चॉकलेट भी नहीं खाना चाहिए।w
- कच्चा मांस व कच्चे अंडे – यूं तो मांस व अंडा खाना पहली तिमाही में लाभकारी है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ये कच्चे न हों। कच्चे होने की स्थिति में इनमें साल्मोनेला व लिस्टेरिया नामक बैक्टीरिया होता है, जो भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है।
- जंक फूड – पहली तिमाही के दौरान आपको जंक फूड का सेवन भी नहीं करना चाहिए। जंक फूड में चीनी, सोडियम, वसा और शरीर को प्रभावित करने वाले कई तत्व होते हैं।
- डिब्बा बंद खाना – प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में आपको डिब्बा बंद खाने का भी सेवन बंद कर देना चाहिए। आचार, जूस व अन्य डिब्बा बंद उत्पादों में कुछ केमिकल मिलाए जाते हैं, जो आपके लिए व भ्रूण के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
पहली तिमाही में बच्चे का विकास मां पर निर्भर होता है। मां जो खाएगी उससे भ्रूण भी प्रभावित होगा। ऐसे में इस अवस्था में पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है। पौष्टिक आहार के सेवन से गर्भावस्था की जटिलताएं कम होती हैं और गर्भपात का भी डर नहीं रहता है।
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