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क्या है स्कूली बच्चों के बैग्स, बुक्स और होमवर्क से संबंधित सरकार की नई गाइडलाइन ?

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Prasoon Pankaj

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4 months ago

क्या है स्कूली बच्चों के बैग्स, बुक्स और होमवर्क से संबंधित सरकार की नई गाइडलाइन ?

सुबह-सुबह अपने बच्चे को स्कूल बस तक छोड़ने जाना आपकी रूटीन में शामिल होगा। अच्छा, तो अब एक सवाल का जवाब दीजिए..जब आप बच्चे को घर से स्कूल बस तक छोड़ने के लिए जाती हैं तो उस समय में स्कूल बैग किसके पास में रहता है। आपका जवाब होगा कि मेरे पास और फिर उसके बाद जब बच्चा बस में बैठने लगता होगा तब आप उसको बैग थमा देती होंगी। ये सिर्फ आप इसलिए करती होंगी क्योंकि आपको लगता होगा कि बैग का वजन ज्यादा है। ये मुद्दा पिछले कई सालों से चर्चा का विषय बना हुआ था और कई सारी सामाजिक संस्थाएं बच्चों के बस्ते के वजन को कम करने की मांग करती आ रही थीं।

तो चलिए आपको एक खुशखबरी सुना देते हैं कि अब बस्ते के बोझ तले नहीं दबेगा बचपन यानि कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को स्कूली बच्चों के बैग्स, बस्ते के वजन और होमवर्क को लेकर कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं। 

क्या होगा बच्चों के स्कूल बैग का वजन ?

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूली बच्चों के बैग्स के बोझ को सीमित करने के लिए सर्कुलर जारी किया है और सभी राज्यों के स्कूलों को इन आदेशों का पालन करने का निर्देश जारी किया गया है। इसके अलावा होमवर्क और किताबों को लेकर भी गाइडलाइंस जारी किए गए हैं। इसे भी पढ़ें: CBSE Circular पहली व दूसरी क्लास के बच्चों के स्कूल होमवर्क के लिए

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ये होगा बच्चों के स्कूल बैग का वजन बच्चे की क्लास और वजन।

 

   बच्चे की​ क्लास / कक्षा  बस्ते के वजन की अधिकतम सीमा
पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे 1.5 किलोग्राम
तीसरी से पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे 2 से 3 किलोग्राम
छठी से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे 4 किलोग्राम
आठवीं से नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे 4.5 किलोग्राम
दसवीं से बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे 5 किलोग्राम

 

4 मुख्य बातें केंद्र सरकार के सर्कुलर की

जैसा कि हमने आपको बताया कि सरकार की तरफ से जारी किए गए निर्देश के बाद सभी क्लास में पढ़ने वाले बच्चों के बस्ते के वजन की अधिकतम सीमा निर्धारित कर दी गई है। दरअसल सरकार का मानना है कि बच्चे स्कूली शिक्षा को बोढ ना मान बैठे और इसी के लिए बैग का वजन कम किया गया है। सर्कुलर के जारी होते ही देश के अलग-अलग राज्यों में जिला स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग की तरफ से टीमों का गठन कर दिया गया है जो इस पूरे मामले की निगरानी करेंगे।

  • पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को अब होमवर्क से भी राहत देने का अहम फैसला किया गया है यानि कि अब पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को होमवर्क पूरा कराने का तनाव नहीं रहेगा। ये नियम सरकारी विद्यालयों के अलावा प्राइवेट स्कूलों पर भी लागू होंगे। 
     
  • क्लास वन से लेकर 5वीं कक्षा के छात्रों को उनके विषयों की किताबों के अलावा अलग से कोई स्टडी मैटिरियल नहीं मंगवाया जाएगा। 
     
  • पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को मैथ्स और भाषा से संबंधित सिर्फ 2 विषय या किताबों की इजाजत दी गई है।
     
  •  तीसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चों को NCERT की सिफारिश के मुताबिक मैथ्स, भाषा और सामान्य विज्ञान या ईवीएस पढाने का ही निर्देश जारी किया गया है।

 

जानकारों की माने तो शिक्षा विभाग के इस फैसले का आने वाले दिनों में बच्चों पर सकारात्मक परिणाम सामने आने के आसार हैं। 

 

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