बेडवेटिंग क्यों और कैसे होती है? और जानें

1 to 3 years

Anurima

38.5K बार देखा गया

2 weeks ago

बेडवेटिंग क्यों और कैसे होती है? और जानें

काफी बड़ी संख्या में माँ-बाप अपने बच्चे की बेडवेटिंग से परेशान रहते हैं। यदि आप भी अपने बच्चे के बिस्तर पर पेशाब करने से परेशान लोगों में शामिल हैं तो बहुत अधिक बेचैन होने की जरूरत नहीं। बिस्तर पर पेशाब करना कोई गंभीर समस्या नहीं है। यह शिशुओं में एक आम समस्या है। अगर आपका 6 वर्ष से बड़ा बच्चा बिस्तर गीला करे  तो यह एक गंभीर बीमारी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बच्चे द्वारा बिस्तर गीला करने के कारणों को समझें और डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। यह समस्या अधिकतर 4 से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में देखने को मिलती है।

Advertisement - Continue Reading Below
Advertisement - Continue Reading Below


छोटे बच्चे अगर बिस्तर गीला करें तो उसे बीमारी न समझें। कुछ समय के बाद वे अपने मूत्राशय पर नियंत्रण रखना सीख जायेंगे और यह समस्या स्वयं समाप्त हो जाएगी। अगर बच्चा बिस्‍तर पर पेशाब कर देता है तो उसे कभी न डाटें। कोई बच्चा जान बूझ कर बिस्तर पर पेशाब नहीं करता। बच्‍चा बिस्‍तर पर पेशाब ना करे इसके लिये कुछ विशेष सावधानियाँ रखने की जरूरत है। बच्चों का शरीर वयस्कों की तरह पूरी तरह विकसित नहीं होता। मूत्राशय उनमें से एक है। हर बच्चे का शरीर एक तरह से विकसित नहीं होता। कुछ बच्चे जल्दी विकसित होते हैं और कुछ बच्चे समय लेते हैं। कई बच्चे जब छोटे होते हैं तो उनका मूत्राशय सामान्य से छोटा होता है। इस वजह से वे रात भर पेशाब करते रहते हैं और बिस्तर गीला करते रहते हैं। 
 

बेडवेटिंग की समस्या दूर करने के लिए इन उपायों को आजमाएं/ Try these remedies to overcome the problem of bedwetting

  • अपने बच्चे को आदत डालिए की वह सोने से पहले पेशाब जरूर करे। अगर आपका बच्चा कभी जल्दी सो जाये तो उसे गोद में उठाकर शौचालय ले जाएँ। ध्यान रखें, अगर बच्चा अकेले सोता है तो उसके कमरे में हल्का रौशनी वाला बल्ब लगाएं ताकि रात में उठकर वह स्वंय ही बिना किसी मदद के शौचालय जा सके और जागने के बाद भी पेशाब कर ले। बच्चे को रात 8 बजे के बाद ज्यादा पानी ना पीने दें। अगर बच्चा फिर भी बिस्‍तर पर पेशाब कर दे तो उसे मारें या डांटें नहीं बल्कि प्यार से समझाएं। बच्चे को सोते से जगाकर कुछ भी खाने और पीने को न दें। इस ब्लॉग को जरूर पढ़ें : सोने से पहले नहाने से होने वाले कुछ फ़ायदे।
     
  • आपके बच्चे के बिस्तर गीला करने के कई कारण हो सकते हैं जैसे बच्चों के पेट में कीड़े होना, नींद में पेशाब करने के सपने देखना, पारिवारिक इतिहास, हार्मोन्स की गड़बड़ी, डायबीटीज़ (टाइप 1), ब्लैडर की मसल्स कमजोर होना, कब्ज के कारण, डर या तनाव, किसी दवा का साइड इफ़ेक्ट, गहरी नींद, मौसम आदि।
     
  • अगर बच्चे को मूत्र संक्रमण हो जाये तो भी बच्चे को बार बार पेशाब लगेगा। रात को सोते वक्त बच्चा पेशाब को नियंत्रित नहीं कर पायेगा। मूत्र संक्रमण में बच्चे को पेशाब में जलन, बुखार, बार बार पेशाब, और पेशाब की मात्रा में कमी आता है। 
     
  • DNA में मौजूद क्रोमोसोम के द्वारा यह शारीरिक गुण माँ या बाप से बच्चे में आ सकता है। 
     
  • इंसान के शरीर में पेशाब का नियंत्रण हॉर्मोन के द्वारा होता। इस हॉर्मोन को एंटी ड्यूरेटिक हॉर्मोन कहा जाता है। इस हॉर्मोन का कार्य होता है की किडनी को पेशाब के आने का संकेत दे। इस हॉर्मोन की कमी के कारण किडनी को पेशाब के आने का समय पर पता ही नहीं चल पता और आपका बच्चा रात को सोते वक्त बिस्तर पे पेशाब कर देता है। 
     
  • कभी कभी आपका बच्चा जब अत्यधिक तनाव में होता है तो बिस्तर पर पेशाब कर देता है। बच्चे को यह तनाव किसी भी कारण से हो सकता है जैसे की डांट, मार, घर से दूर रहना, डर लगना, अकेले सोना, परीक्षा में अच्छे मार्क्स स्कोर करना इत्यादि। 
     
  • कई बार जब बच्चों की तंत्रिका प्रणाली सही ढंग से कार्य नहीं करती तो बच्चों को इस परिशानी को झेलना पड़ता है। जब तंत्रिका प्रणाली सही ढंग से कार्य नहीं करती तो मूत्राशय भरा होने के बावजूद बच्चों के दिमाग को सही समय पर सन्देश नहीं मिल पाता और बच्चा बिस्तर पर पेशाब कर देता है। 
     
  • मधुमेह की समस्या काफी बढ़ती जा रही है। यह एक गंभीर समस्या है। सिर्फ वयस्कों में ही नहीं वरन मधुमेह की समस्या अब बच्चों में भी आम बात होती जा रही है। मधुमेह से पीड़ित बच्चे अक्सर बिस्तर में पेशाब कर देते हैं। खून के जाँच के द्वारा मधुमेह के बारे में पता लगाया जा सकता है की बच्चा मधुमेह से ग्रसित है कि नहीं। 
     
  • अगर आपका बच्चा बेडवेटिंग करता है तो इसके लिए कई घरेलू उपायों को अपनाया जा सकता है। तिल और गुड़ को साथ मिला कर उसका मिश्रण बना लें। इसे खिलाने से बच्चे का बिस्तर पर पिशाब करने का रोग ख़तम हो जायेगा। तिल और गुड़ के इस मिश्रण में अजवायन का चूर्ण मिलकर बच्चे को खिलने से और भी कई शारीरिक फायदे पहुँचते हैं। 
     
  • आप हर दिन पांच मुनक्के अपने बच्चे को खिला सकती हैं। प्रतिदिन दो अखरोट और बीस किशमिश बच्चों को खिलाने से बिस्तर पर पेशाब करने की समस्या दूर हो जाती है। 
     
  • कहने का तात्पर्य है कि अगर आपका छोटा बच्चा बेडवेटिंग करता है तो बहुत अधिक चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हाँ, यदि यह समस्या बच्चे के बड़े होने पर भी बनी रहती है तो अपने डाक्टर से सलाह अवश्य लें। घरेलू उपचारों के द्वारा भी समस्या से निजात पाया जा सकता है।

Be the first to support

Be the first to share

support-icon
Support
share-icon
Share

Comment (0)

share-icon

Related Blogs & Vlogs

No related events found.

Loading more...