शिशु के साथ विमान सफर तय करते ...
शिशु के साथ विमान सफर तय करते समय किन बातों का ध्यान रखें ?

अगर आपको याद हो तो जुलाई 2018 में एक भारतीय कपल को ब्रिटिश एयरवज की फ्लाइट से इसलिए नीचे उतार दिया गया था क्योंकि उनका 3 साल का बच्चा विमान के अंदर रो रहा था। ये परिवार लंदन से बर्लिन जा रहा था। इस दौरान ही उनका बच्चा रोने लगा। पैरेंट्स के मुताबिक इसके बाद फ्लाइट के अंदर मौजूद क्रू मेंबर्स ने इनके साथ बदसलूकी भी की। अब ऐसा ही एक मामला सामने आया है। फेसबुक में कार्यरत क्रुपा पटेल जो हाल ही में यूनाइटेड एयलाइंस की फ्लाइट से अपने 8 महीने के शिशु के साथ सिडनी से सैन फ्रांसिस्को की यात्रा कर रही थीं। क्रुपा पटेल को भी ऐसे ही तीखे अनुभवों का सामना करना पड़ा है। इसे भी पढ़ें: बच्चा रोया तो भारतीय कपल को ब्रिटिश एयरवेज ने विमान से उतारा
क्रुपा पटेल बताती हैं कि उनका बच्चा विमान के अंदर रोने लगा। जाहिर है कि वो अपने बच्चे को चुप कराने का हर संभव प्रयास कर ही रही होंगी कि इतने में एयरलाइंस का एक स्टाफ उनको आकर कहता है कि आपके बच्चे के इस व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। क्रुपा पटेल ने फेसबुक पर अपने इस अनुभव को साझा करते हुए कहा है कि स्टाफ ने ये भी कहा कि यूनाइटेड एयरलाइंस की विमानों के अंदर बच्चे को 5 मिनट से ज्यादा रोने की अनुमति नहीं है। अब सवाल ये है कि आखिर कोई विमान कंपनी ये कैसे तय कर सकती है कि कोई बच्चा कितनी देर तक रो सकता है। बच्चों के रोने की कई वजहें हो सकती है और फिर कोई पैरेंट्स ये तो बिल्कुल नहीं चाहता है कि उनका बच्चा रोए। फिर भी अगर इस तरह की परिस्थिति आती है तो सभी माता-पिता अपने बच्चे को शांत कराने का प्रयास करते हैं ताकि उनकी वजह से विमान में मौजूद अन्य लोगों को किसी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। हालांकि इसके बाद यूनाइटेड एयरलाइंस की तरफ से खेद भी जताया गया। कुल मिलाकर देखा जाए तो नवजात शिशु के साथ आरामदायक विमान यात्रा करना पैरेंट्स के लिए भी एक चुनौती के समान है क्योंकि इस संदर्भ में विमान कंपनियों के अलग-अलग नियम और निर्देश हैं।
शिशु के साथ विमान सफर करते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें / What to Keep in Mind while Traveling in the Plane in Hindi
इस तरह के बुरे अनुभवों से बचने के लिए आज हम आपको कुछ ऐसी अहम बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने नन्हें-मुन्ने के संग विमान में आनंददायक सफर का लुत्फ उठा सकते हैं।
- सबसे जरूरी बात की आप अगर बच्चे के साथ विमान में सफर करने जा रहे हैं तो अपने बच्चे के लिए भी एक्स्ट्रा सीट की बुकिंग करा लें। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा बच्चा सफर के दौरान खुद को कितना कंफर्टेबल महसूस कर सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि पैरेंट्स की गोद में यात्रा करने की बजाय बच्चा खुद की सीट पर यात्रा करने में अच्छा महसूस करता है।
- विमान में सफर करने के दौरान बच्चे को कान में दर्द, डिहाइड्रेशन, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत और सर्दी जुकाम का बढ़ जाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।इन समस्याओं के चलते आपका बच्चा विमान के अंदर रोना शुरू कर सकता है।
- विमान के अंदर बच्चे को बहलाने का प्रयास करते रहिए अगर बच्चा किसी बात पर रो रहा है तो इस दौरान उसको डांटने या फटकारने की बजाय आप प्यार से चुप कराने का प्रयास करें बच्चे को सफर के दौरान पानी या तरल पदार्थ भी पिलाते रहें ताकि वो डिहाइड्रेशन से बच सके।
- विमान के सफर के दौरान बच्चे को बहुत भारी-भरकम कपड़ा पहनाने की बजाय हल्का कपड़ा पहनाएं ताकि वो अच्छा महसूस कर सके।
- बच्चे की जरूरत का हर सामान जिसके बारे में आपको अच्छे से अंदाजा होगा तो वो अपने पास में रखें लंबी दूरी के सफर के दौरान बच्चे का फेवरेट फूड आइटम भी साथ में लेकर चलें बच्चे का टॉवेल, डाइपर भी साथ में रखें।
- ये भी सुनिश्चित कर लें कि आपके बच्चे ने पेट भरा हुआ है या नहीं। अगर बच्चे का पेट भरा हुआ है तो वो विमान के अंदर अच्छी नींद ले सकता है।
- अगर आपका बच्चे ने खाना शुरू कर दिया है तो सफर से एक दिन पहले बच्चे को ज्यादा तली-भुनी खाद्य पदार्थों की बजाय सादा और स्वास्थ्यवर्धक भोजन ही खिलाएं ताकि सफर के दौरान बदहजमी की शिकायत ना हो इसके अलावा आप ये भी सुनिश्चित कर लें कि उसने पर्याप्त मात्रा में नींद ले लिया हो । इससे आपका बच्चा ऊर्जावान महसूस करेगा
- अगर वाकई में अगर आपका बच्चा सफर में जोर-जोर से रोना शुरू कर देता है तो आसपास के यात्रियों से रिक्वेस्ट करते हुए माफी मांग लें। ताकि विमान के अंदर मौजूद यात्री को अगर परेशानी हो भी रही हो तो वो इसके संबंध में शिकायत ना करें।
- आप अपने साथ एक कैरी बैग में प्लास्टिक बैग्स जिसे सील करने में आसानी हो जरूर साथ लेकर यात्रा करें। डायपर को चेंज करने के बाद इसको प्लास्टिक बैग्स में बंद करने में आसानी रहेगी।
हालांकि दुनिया के कई देशों में शिशु के साथ सफर को आसान और आरामदायक बनाने के लिए सरकार से कानून बनाने की मांग भी की जा रही है। कुल मिलाकर आप अगर सफर करने का प्लान कर रही हैं तो हर परिस्थितियों का सामना करने के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार रखें।
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