क्या डायबिटीज के दौरान स्तनपान कराना सुरक्षित है?

Supriya Jaiswal के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Jan 30, 2021

बच्चे के जन्म के बाद उसका पहला आहार मां का दूध ही होता है। मां का दूध शिशु को स्वस्थ रखता है। बच्चे को स्तनपान कराना मां के लिए भी खास अनुभव होता है। पर कई बार देखा जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद कई मां में डायबिटीज की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में उनके व अन्य के मन में भी यही सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज के दौरान बच्चे को स्तनपान कराना ठीक है। कुछ लोग इसे नुकसानदायक मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। कई रिसर्चों में अलग-अलग महिलाओं व अलग-अलग परिस्थितियों में इसके विभिन्न परिणाम सामने आए हैं। आज हम यहां बात करेंगे कि आखिर डायबिटीज के दौरान ब्रेस्ट फीडिंग के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान हैं।
इन परिस्थितियों में डायबिटीज के दौरान स्तनपान कराने से होता है फायदा/ Does Breastfeeding Help Prevent Diabetes in Hindi
नयी माताओ के लिए स्तनपान की जानकारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें। डायबिटीज के दौरान स्तनपान कराने से कुछ स्थितियों में फायदा भी होता है।
- डायबिटीज के दौरान बच्चे को स्तनपान कराने से आपको भी व्यक्तिगत रूप से कई फायदे पहुंचते हैं। जैसे जब-जब आप ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं, तब-तब आपके शरीर से 500 कैलोरी घटती है और यह आपको स्वस्थ रखता है।
- ये 10 अद्भुत डायबिटीज के फायदे स्तनपान कराने वाली कई मांओं के लिए, जिन्हें पहले से डायबिटीज था, उन्होंने पाया कि उन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल को ठीक रखने के लिए इंसुलिन की कम मात्रा की जरूरत पड़ती है।
- डायबिटीज के दौरान अगर मां बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करा रही है, तो जरूरी नहीं कि उसे नुकसान पहुंचे। डायबिटीज का खतरा इस बात पर भी निर्भर करता है कि मां कितने लंबे समय तक स्तनपान कराती है। एक सर्वे में सामने आया कि 2 महीने के अंतराल तक स्तनपान कराने वाली माताओं को डायबिटीज होने की संभावना 50 प्रतिशत कम होती है और 5 महीने तक स्तनपान कराने वाली मांएं डायबिटीज से बचकर आगे निकल जाती हैं। दरअसल इसके पीछे की वजह ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान घटने वाले वजन की मात्रा को भी माना जाता है। [इसे भी पढ़ें: क्या है बच्चों में डायबिटीज (शुगर) के लक्षण]
इन परिस्थितियों में स्तनपान करना नुकसानदायक हो सकता है
अगर मां को टाइप-2 डायबिटीज है, तो कई केस में बच्चे को स्तनपान कराना नुकसानदायक भी होता है। दरअसल टाइप-2 डायबिटीज में शरीर पर्य़ाप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। इसके अलावा यह इंसुलिन का विरोध भी करता है। इस वजह से शुगर का लेवल भी बढ़ता है और यह कई बीमारियों (हृदय व किडनी) का कारण बन सकता है। इसके अलावा गंभीर स्थिति में अंग विच्छेद भी हो सकता है। [इसे पढ़ें: स्तनपान के दौरान दूध बढ़ाने के ये असरदार उपाय]
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