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अस्थमा के उपचार के लिए 7 बेहद कारगर नुस्खे

3 to 7 years

Supriya jaiswal

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5 years ago

बदलते माहौल में बच्चो को अस्थमा होने का खतरा ज्यादा हो गया है | अस्थमा फेफड़ों की बीमारी है, जो श्वसन मार्ग को बाधा पहुंचाती है। यानी यह बीमारी फेफड़ों से हवा के मार्ग को अवरुद्ध करती है जिससे श्वसन नली में सूजन आ जाती है या फिर श्वसन नली का मार्ग संकरा हो जाता है। इससे हवा संकुचित मार्ग से ठीक से पास नहीं हो पाती जिससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। इस बीमारी के होने का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन यह एलर्जी, वायु प्रदूषण, रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन, इमोशन, मौसम की कंडीशन, खाने में सल्फाइट्स होने पर और कुछ दवायों के सेवन से शुरू हो सकती है| इसके लक्षण और उपचार के बारे में जाने .....

बच्चो में अस्थमा के लक्षण क्या है / What are the symptoms of asthma in children in hindi

बच्चे को सांस लेने के दौरान घरघराहट होना, थकान होना, गले में खराश होना, सामान्य सर्दी होना, सीने में जकड़न होना, खांसी के दौरान तकलीफ होना आदि इसके लक्षण होते हैं।इसके अलावा, प्रत्येक बच्चे का अस्थमा अलग तरह का होता है। कुछ ट्रिगर अस्थमा के दौरे को बदतर भी बना सकते हैं |एक बार अगर एक बच्चे को अस्थमा होने का पता लग जाये, तो घर से उसके कारणों या ट्रिगर्स को हटाये या बच्चे को इनसे दूर रखे।

अस्थमा का उपचार/Treatment of asthma 

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  • अगर आपके बच्चे को इसकी शिकायत है तो पहचानें, की कौन सी बात आपके बच्चे के अस्थमा को उत्प्रेरित करती है, इनहेलर का प्रयोग करें| डॉक्टर से जांच जरूर कराएं, स्पिरोमेट्री, पीक एक्स्पिरेटरी फ्लो रेट टेस्ट, एलर्जी की जांच, पलमोनरी फंक्शन टेस्ट आदि से बच्चे के अस्थमा का पता लगता है | जाँच के लक्षणों को अनदेखा न करे जिसे यह रोग अनियंत्रित हो सकता है|उसके साथ साथ बच्चे को ठंडे वातावरण और ठंडे भोज्य पदार्थों- जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करने को कहा तथा बदलते मौसम के हिसाब से अतिरिक्त ख्याल रखे , कुछ दिनों में उसकी स्थिति में सुधार आने लगेगा | 
  • यदि अस्थमा का ठीक तरह से उपचार करवाया जाए और मछली का भरपूर सेवन किया जाए तो अस्थमा की समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यानी मछली से अस्थमा का उपचार संभव है। बच्चे को मछली खिलाना चाहिए| फैटी फिश अस्थमा रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। अस्थमा के मरीजों को सप्ताह में कम से कम दो बार मछली का सेवन जरूर करना चाहिए । जो बच्चे श्वास अस्थमा के शिकार होते हैं उनके लिए फिश ऑयल का सेवन बहुत फायदेमंद है।
  • लहसुन अस्थमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण को हर रोज बच्चो को पिलान से अस्थमा में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
  • पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और बच्चे को पानी से उठती भाप लेंने को कहे , यह  उपाय काफी फायदेमंद होता है। 
  • 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पीने को दें । हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीला ने से बच्चे को निश्चित रूप से लाभ होता है। 
  • 180 मिमी पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर करीब 5 मिनट तक उबालें। मिश्रण को ठंडा होने दें, उसमें चुटकीभर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस भी मिलाया जा सकता है। इस सूप का नियमित रूप से इस्तेमाल अस्थमा उपचार में कारगर माना गया है। बच्चे के स्वास्थ्य संबंधित अन्य सवालों का जवाब जानने के लिए यहां इस वीडियो को पूरा देखें :- बच्चे को सर्दी-जुकाम, पेट व त्वचा की समस्या

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