अपने बच्चे के जीवन में कैसे करें पालतू जानवर (पेट्स) को शामिल?

Prasoon Pankaj के द्वारा बनाई गई संशोधित किया गया Nov 08, 2020

पेट्स हमारे बेहतरीन साथी होते हैं जो हमेशा हमारे सुख- दुख में हमारा साथ देते हैं। हमारी हर बात पर प्रतिक्रिया देते हैं। अपनी इन्हीं सब खूबियों के चलते पेट्स हमारे जीवन में खास योगदान करते हैं। पेट्स बच्चों को अपनी बातें साझा करने का गुर सिखाते हैं। पेट्स के साथ खेलने से बच्चे शारीरिक रूप से फिट रहते हैं। पेट्स बच्चों के बेहतरीन दोस्त होते हैं इसलिए बच्चों को कभी अकेलेपन का एहसास नहीं होता। इन तथ्यों का जान लेने के बाद ये कहने की जरूरत नहीं है कि पेट्स ने अब हमारी जिंदगी में अहम जगह बना ली है। वे न सिर्फ दोस्त हैं बल्कि मानसिक सुकून और खुशी का बड़ा जरिया बन गए हैं। साथ ही हमारे बेहतरीन दोस्त भी है। विशेषज्ञ तो यहां तक कहते हैं कि पेट्स हमारे स्वास्थ्य को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। पेट्स सिर्फ बड़ों को ही प्रभावित करें, ऐसा नहीं है, तमाम शोध एवं अध्ययनों ने यह खुलासा भी किया है कि जो बच्चे पेट्स के साथ खेलते हैं, रहते हैं, वे डिप्रेशन से भी दूर रहते हैं। इसलिए जब आप घर में नया पालतू जानवर लाएं तो यह जरूरी हो जाता है कि आपका बच्चा उसे एक दोस्त के रूप में स्वीकार करे और घर में उसका स्वागत करे। [In English: Why Pets Are Good for Your Kids?]
अपने बच्चे को पेट्स (पालतु जानवरों) से कैसे परिचय कराएं / Introducing Your Pet to a New Baby in Hindi
सवाल ये उठता है कि आखिर पेट्स बच्चों को उत्कुण्ठा से कैसे दूर रखता है? यह देखा गया है कि पेट्स के साथ रह रहे बच्चों को कभी अकेलापन नहीं खलता, उन्हें अपनी बातें शेयर करने के लिए कोई अन्य नहीं चाहिए होता।
- यदि पेट्स बच्चों के जीवन में मौजूद हो तो खेलने के लिए वे किसी अन्य पर आश्रित नहीं रहते। कहने की जरूरत नहीं है कि अकेलापन कई किस्म की समस्याओं की जननी है।
- अकेले रहने वाले न सिर्फ मानसिक समस्याओं से बावस्ता रहते हैं वरन शारीरिक बीमारियां भी उन्हें घेरे रहती हैं। अपनी बातों को साझा करने से कतराने लगते हैं, घूमने फिरने में हिचकिचाहट भरा महसूस करते हैं। यही नहीं दूसरे बच्चों के साथ खेलने या घूमने फिरने में असहजता होने लगती है। इन सब परेशानियों से आजकल बच्चे भी अछूते नहीं है।
- यदि उन्हें अपने साथ कोई खेलने वाला न मिले तो वे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। आजकल माता- पिता दोनों के नौकरीपेशा अथवा व्यवसाय में व्यस्त रहने के कारण, और साथ ही एकल परिवार में रहने के कारण बच्चे अकेलेपन का अधिक शिकार होते हैं।
- पेट्स या कहें पालतू जानवर इस तरह की समस्याओं से बच्चों को दूर रखते हैं। नतीजतन उन्हें उत्कुण्ठा जैसी परेशानियां नहीं घेर पाती। पेट्स न सिर्फ उत्कुण्ठा को दूर रखने में सहायक हैं वरन बच्चे कभी भी नकारात्मकता का भी शिकार नहीं होते। इसलिए घर में पेट्स के साथ खेलना बच्चों के लिए अच्छा होता है।
- दरअसल जब बच्चे अपनी चीजें दूसरों के सामने व्यक्त करते हैं तो खुद में आत्मविश्वास महसूस करते हैं। पेट्स बच्चों के जीवन में वही मंच प्रदान करते हैं।
- यही कारण है कि अब कई बच्चे पेट्स के सामने अपनी बातों को रखते हैं ताकि दूसरों के सामने कहने में उन्हें हिचक न हो और न असहजता महसूस करें।
- वैज्ञानिक तौर पर हुए तमाम अध्ययन यह बताते हैं की पेट्स के साथ बड़े होने वाले बच्चे मानसिक उत्कंठा से दूर रह कर बेहतर दिमागी विकास को प्राप्त करते हैं। इससे उन्हें अकेलापन महसूस नहीं होता और साथ ही ये प्रकृति द्वारा निर्मित अन्य जीव जन्तुओं को जानते और समझते हैं।
इतना ही नहीं उनमें भीड़ में अनोखा होने का भाव भर जाता है। कहने का मतलब साफ है कि पेट्स मासूम बच्चों को खुशी से भरे रखता है। परिणामस्वरूप बच्चों के जीवन में उत्कुंठा जैसी समस्याओं का नामोनिशान नहीं रहता।
आपका एक सुझाव हमारे अगले ब्लॉग को और बेहतर बना सकता है तो कृपया कमेंट करें, अगर आप ब्लॉग में दी गई जानकारी से संतुष्ट हैं तो अन्य पैरेंट्स के साथ शेयर जरूर करें।
इस ब्लॉग को पेरेंट्यून विशेषज्ञ पैनल के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा और सत्यापित किया गया है। हमारे पैनल में निओनेटोलाजिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, चाइल्ड काउंसलर, एजुकेशन एंड लर्निंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, लर्निंग डिसेबिलिटी एक्सपर्ट और डेवलपमेंटल पीड शामिल हैं।

{{trans('web/app_labels.text_some_custom_error')}}
{{trans('web/app_labels.text_some_custom_error')}}