दूध से दुश्मनी और चाय से दोस्ती बच्चों के लिए अच्छी बात नहीं

बढते बच्चो के लिए दूध का क्या महत्व है ये सभी पेरेंट्स जानते है। दूध सारे पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। दूध कैल्शियम का बेहतरीन स्त्रोत है, जिसके सेवन से हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती है। अधिकतर बच्चे दूध पीना नहीं चाहते। बच्चे दूध को देखकर ही मुंह बनाने लगते हैं। बढते बच्चो के लिए दूध अमृत के समान माना गया है दूध से बढ़कर और कुछ नहीं। लेकिन कभी कभी माएं जल्दबाजी में सुबह सुबह जब उन्हें अपने बच्चो को नास्ता खिलाना होता है, तो दूध के बजाय चाय या कुछ और दे देती है। कई माएं अपने बच्चो को चाय के अंदर दूध मिक्स करके देती है। वो अपने बच्चो के लिए एक कप में चाय छान देती है और उसमे एक कप दूध मिला देती है उनको लगता है। ऐसा करने से कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन क्या आप जानते है, चाय के अंदर दूध मिक्स करते ही दूध की सारी शक्ति वही नष्ट हो जाती है। उसके अंदर वो कैल्सियम पॉवर नहीं रहती जो आप अपने बच्चो को देना चाहते है। चाय छोटे बच्चो को देना बहुत गलत है। चाय बड़ो को भी कम मात्रा में ही पीनी चाहिये और छोटे बच्चो को तो चाय का सेवन बिलकुल नहीं कराना चाहिए। छोटे बच्चो में चाय का सेवन करने से उनके अंदर कैल्सियम अवशोसित होना बंद हो जाता है, जिसकी वजह से उनके अंदर कैल्सियम की कमी हो जाती है। चाय देने से बच्चो का शारिरीक विकास ठीक से नहीं हो पाता। इसीलिए कहा गया है की है, दूध से दुश्मनी और चाय से दोस्ती बच्चो के लिए अच्छी बात नहीं। दूध चाहे किसी का भी हो चाहे बकरी का, गाय का, भैस या फिर पैकेट का सभी दूध बच्चो के लिए गुणकारी है।
दूध पीने से हड्डिया मजबूत होती है वही चाय से कमजोर:-
बढते बच्चे अगर नियमित रूप से दूध ले तो, उनकी हड्डिया और दांत दोनों ही मजबूत रहते है। बच्चो को दूध बादाम के साथ देने से लाभ मिलता है, दूध बच्चों में रक्त कोशिकाओं को भी बढ़ाता है। और वही चाय पीने से छोटे बच्चों पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। चाय पीने से बच्चों के अंदर कैल्श्यिम की कमी होने लगती है। बच्चों की हड्डियां, दांतों में दर्द होने लगता है। आगे चलकर ये दर्द बच्चों के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
दूध दिमागी विकास के उपयोगी और चाय पीने से दिमाग कमजोर:-
छोटे बच्चों के मानसिक और बोद्धिक विकास के लिए दूध अमृत के सामान माना गया है। छोटे बच्चों के दिमाग के विकास के लिए बच्चो को रोज एक गिलास दूध देना बहुत जरुरी है। और वही रोजाना बच्चों को चाय देने से आगे चलकर उनको चाय की लत लग जाती है। चाय में कैफिन की मात्रा ज्यादा होती है। जो दिमाग पर नशे की तरह काम करती है। और दिमाग को कमजोर बनाती है। चाय पीने से बच्चे के व्यवहार में भी कमी आती है। इससे वह किसी भी काम को अच्छे तरीके से नहीं कर पाता। और वह चिड़चिड़ा होने लगता है।
दूध पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है और चाय से पाचन शक्ति कमजोर होती है:-
छोटे बच्चों को पाचन तंत्र संबंधी कई समस्याएं आती है, बच्चों में पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए गाय का दूध पिलाना चाहिए। बच्चों को दस्त होने पर भी गाय का दूध पिलाने से फ़ायदा होता है। दूध पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है। दूध से छोटे बच्चों को उचित और सम्पूर्ण पोषक तत्व मिलते है। साथ ही पेट की अन्य समस्याओं को भी दूर करता है। बच्चों में गैस की समस्या होना बहुत आम है,और चाय पीने से गैस की समस्या और बढ़ जाती है। जिससे पाचन शक्ति कमजोर बनती है।
दूध बच्चो के ग्रोथ के लिए उपयोगी और वही चाय से ग्रोथ रुकता है:-
दूध पीने से बच्चो की मास पेशीया और हड्डियां मजबूत होती है। और ये बच्चो के ग्रोथ के लिए बहुत ही जरुरी है। दूध बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। चाय पीने से बच्चे की लंबाई बढ़ने से रूक जाती है। इसके साथ ही बच्चे की मांसपेशिया ठीक ढंग से ग्रोथ नहीं कर पाती है। यही वजह है कि बच्चा कमजोर और लंबाई में छोटे रह जाते है।
दूध पीने से नींद अच्छी आती है और चाय से नींद पर असर पड़ता है:-
बच्चो को रात में सोने से पहले एक गिलास दूध देने से नींद अच्छी आती है। बच्चों को चाय देने से नींद न आने की समस्या उत्पन हो सकती है।
इसलिए बच्चों को रोगों से बचाने के लिए रोज़ाना दूध को उनके आहार में शामिल ज़रूर करें।
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