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क्या हैं मालिश के फायदे बच्चे के लिए? और ये सावधानी बरतें मसाज के समय

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क्या हैं मालिश के फायदे बच्चे के लिए? और ये सावधानी बरतें मसाज के समय

Published: 27/10/25

Updated: 27/10/25

मालिश यानी  मसाज (Massage)। यह ना सिर्फ सदियों से चली आ रही एक परंपरा है बल्कि यह एक विज्ञान है, स्वस्थ जीवन शैली का आधार है। मालिश से नवजात को चुस्ती और स्फूर्ति मिलती है। बच्चे का शरीर तंदुरुस्त रहता है और तनाव कम होता है। मालिश से बच्चे का मन शांत और प्रसन्न रहता है। हमारे शरीर के लिए व्यायाम जितना आवश्यक है, उतनी ही आवश्यक शरीर की मालिश भी है। इसलिए बहुत ज़रूरी है की आप बच्चे के मालिश से होनेवाले फायदों के बारें में जानें तथा ब्लॉग में दिए हुए तरीको पे गौर करें। 

मालिश करने से हमारे शरीर की मांसपेशियों में नई ऊर्जा का संचरण होता है साथ ही उनकी आयु भी बढ़ती है।पुराने जमाने में खासकर राजा महाराजाओं के जमाने में मालिश नियमित तौर पर होती थी जिस वजह से तन व मन दोनों स्वस्थ एवं प्रसन्न रहते थे और जब इंसान का मन प्रसन्न रहता है तो कोई भी कार्य करने में उस में पूरा उत्साह और स्फूर्ति रहती है।


क्या हैं मालिश के फायदे बच्चे के लिए? Health Benefits of Massage in Hindi

आइए, आज हम मालिश से जुड़े हुए फायदों के बारे में जानते हैं..

  • हमारे शरीर में असंख्य रोम छिद्र रहते हैं। इन रोम छिद्रों से शरीर की गंदगी बाहर जाती है साथ ही बाहर की गंदगी भी अंदर आती है। अगर हम नियमित मालिश करके नहाते हैं तो इन रोमछिद्रों की सफाई हो कर यह खुलते हैं। नियमित तौर पर मालिश करने से शरीर का रक्त संचलन सुचारु रुप से होता है।
     
  • मालिक से हमारा ब्लड प्रेशर याने रक्तदाब सामान्य रहने में मदद मिलती है।
     
  • मालिश हमारी चिंता और तनाव को कम करता है। सिर की मालिश के मस्तिष्क में तरावट आती है।
     
  • मालिक से नाड़ी संस्थान (Nervous System) को उत्तेजना मिलती है और उसका कार्य भी सुचारु रुप से होता है।
     
  • रोजाना मालिश करने से हमारी त्वचा स्वस्थ, मुलायम एवं कांतिमय बनी रहती है। तेल मालिश से लंबे समय तक हमारी त्वचा पर चमक बनी रहती है, त्वचा का रंग खुलता है। एवं झुर्रिया जल्दी नहीं आती, जिस वजह से बुढ़ापा दूर रहता है। त्वचा संबंधी कई बीमारियों से भी मालिश करने से बचा जा सकता है क्योंकि मालिश से रक्त संचरण अच्छा होता है।
     
  • मालिश करने से हमारे जोड़ों में लचीलापन बनाए रहता है। बुढ़ापे में अगर घुटनों के दर्द से बचना है तो हमें अभी से मालिश नियमित तौर पर शुरु कर देनी चाहिए। घुटनों की मालिश गोलाकार और अंगूठे से दबाव देकर करनी चाहिए।
     
  • पैरों की मालिश करने से पैरों में रक्त प्रभाव बढ़ता है, साथ ही पैरों की थकान भी दूर होती है। हाथ पैरों की रोजाना मालिश से त्वचा का रूखापन, कड़ापन, एडियों का फटना दूर होता है।
     
  • रात को सोते समय अगर मालिश करते हैं तो हमें गहरी वह अच्छी नींद आती है।
     
  • नियमित मालिश से शरीर का मेटाबॉलिज्म का कार्य सुचारू रूप से होने लगता है साथ ही मांसपेशियों की फैलने और सिकुड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। मालिश से पाचन तंत्र, यकृत, छोटी आंत व अन्य ग्रन्थियों को उत्तेजना मिलती है, जिससे वह अपना कार्य सही ढंग से कर पाते है। 
     
  • विधि पूर्वक नियमित मालिश करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। व हल्की चोट का शरीर पर कोई असर नहीं होता है और दर्द भी कम होता है।
     
  • मालिश से शरीर सुडौल व गठीला बनता है। मालिश के द्वारा शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होने में मदद मिलती है। जिसका वजन कम है, मालिश से मासपेशियां मजबूत होकर वजन बढ़ता है।
     
  • प्रतिदिन पेट की मालिश करने से पेट की चर्बी कम होने में मदद मिलती है साथ ही अपच, कब्ज, गैस आदी से भी छुटकारा मिलता है। पाचन तंत्र सही रहता है। रोजाना करीब 3 मिनट तक पीठ के बल लेटे हुए हाथों में तेल लेकर गोलाकार तरीके से पेट की मसाज करें।
     
  • कई बच्चे चलने में कमजोर होते है, अगर सही तरीके से , लम्बे समय तक उनकी रोजाना मालिश करके उन्हें हल्की धूप में रखे , तो उनके पैरों में मजबुती आती है। 
     

बेबी मसाज (मालिश) के दौरान क्या सावधानी बरतें? /What Precautions While Baby Maasge in Hindi 

Doctor Q&As from Parents like you

  • मालिश करवाने का स्थान स्वच्छ, हवादार, शांत होना चाहिए। एकाग्रता से की गई मालिश का परिणाम अच्छा होता है। शरीर मे नवचेतना , स्फूर्ति, शक्ति आती है। 
     
  • बॉडी मसाज हमेशा लेटकर ही कराएं। साथ ही मसाज नीचे से ऊपर की दिशा में करें।
     
  • मालिश प्रतिदिन करीब 20 से 30 मिनट तक करें। जो व्यक्ति प्रतिदिन मालिश ना कर पाते हैं, उन्हें सप्ताह में एक बार तो मालिश जरूर करनी चाहिए।
     
  • मालिश करवाने के करीब आधे घंटे बाद नहाए।
     
  • मालिश और खाना खाने के बीच करीब 3 घंटे का अंतर होना चाहिए। खाना खाकर तुरंत मालिश ना करें। मालिश के लिए सुबह का समय सर्वोत्तम रहता है अगर नहीं होता है तो आप कोई भी वक़्त मालिश कर सकते हैं।
     
  • सर्दियों में खुली हल्की धूप तथा गर्मियों में छांव में मालिश करनी चाहिए।
     
  • बुखार या अन्य कोई व्याधि से पीड़ित व्यक्ति को मालिश नहीं करनी चाहिए।
     
  • मसाज करते वक्त अपने शरीर को शिथिल छोड़ दे। अगर खुद के हाथों से मालिश कर रहे हो तो हल्के दबाव से करें।
     
  • प्रत्येक अंग पर करीब 5 मिनट तक मालिश होनी चाहिए, तभी उत्तम लाभ मिलेगा।
     

इस तरह आप मालिश के फायदों का लाभ लेकर अपने शरीर को स्वस्थ और निरोगी रख सकते हैं। आज पश्चिमी देशों के लोग हमारे ही मालिश को एडवांस्ड रूप देकर स्पा के नाम से करोडो कमा रहे हैं। हमें हमरे आयुर्वेदिक ज्ञान पर गर्व होना चाहिए और उसका पूरा लाभ भी लेना चाहिए।

 

यह लेख डॉ पारितोष त्रिवेदी जी ने लिखा हैं l स्वास्थ्य से जुडी जानकारी सरल हिंदी भाषा में पढने के लिए और अपने सेहत से जुड़े प्रश्नों का जवाब पाने के लिए आप उनकी हिंदी हेल्थ वेबसाइट www.nirogikaya.com पर अवश्य विजिट करे l 

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