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गर्भावस्था में ब्रेस्ट पेन (स्तनों में दर्द) के क्या कारण हैं

वैसे तो किसी भी महिला के लिए मां बनना सबसे सुखद अनुभूति होती है और जब वह गर्भवती होती है, तो शिशु के आने को लेकर काफी खुश होती है। पर इस खुशी के पीछे काफी तकलीफ भी होती है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक है ब्रेस्ट पेन (Breast Pain) यानी स्तनों में दर्द। यूं तो प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में दर्द सामान्य बात है। आंकड़ों के अनुसार करीब 70 प्रतिशत महिलाओं को ब्रेस्ट पेन की शिकायत होती है। कई बार इस अवस्था में स्तनों में सूजन भी हो जाती है और यह ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में दर्द के क्या कारण हैं और इसे दूर करने के उपाय क्या हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान स्तन में दर्द होने के क्या हैं कारण / Breast Changes During Pregnancy In Hindi
आमतौर पर स्तनों में दर्द गर्भावस्था की पहली तिमाही में शुरू होता है और पहली-दूसरी तिमाही के शुरुआत में समाप्त हो जाता है। आइए जानते हैं कि यह दर्द क्यों होता है।
- ब्रेस्ट अल्सर – ब्रेस्ट के अंदर तरल पदार्थ से भरी थैलियां होती हैं, जिसे ब्रेस्ट अल्सर कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान ये पानी से भरे गुब्बारे गोल गांठ के रूप में महसूस किए जा सकते हैं। इससे भी स्तनों में दर्द होता है।
- स्तन से रिसाव – प्रेग्नेंसी में कई गर्भवतियों के स्तन से रिसाव होता है, जो दर्द का कारण बनता है। यह तब शुरू होता है जब महिला के स्तन में कोलोस्ट्रम का उत्पादन शुरू हो जाता है। यह एक मोटा तरल पदार्थ होता है जो नवजात के जन्म के शुरुआती दिनों में पोषण प्रदान करता है। यह तरल पदार्थ ब्रेस्ट पर मसाज करने या फिर यौन उत्तेजना के कारण निकलता है।
- हार्मोन में बदलाव - हर्मोन में बदलाव भी गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द का एक बड़ा कारण है। दरअसल चक्र में परिवर्तन होने के कारण अक्सर ब्रेस्ट में पेन होता है। इसके अलावा रजोनिवृत्ति (Menopause) में हार्मोन के उतार-चढ़ाव से एस्ट्रोजन की कमी के कारण भी स्तनों में दर्द होता है। इस दौरान तनाव के उच्च स्तर से स्थिति और गंभीर हो सकती है।
- ब्रेस्ट में बदलाव – प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में दूध बनाने वाली कोशिकाएं और दूध नलिकाएं बनती हैं। इस कारण स्तनों का आकार भी बढ़ जाता है। गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों में स्तन का कप साइज तेजी से बढ़ता है और स्तन के नीचे वसा की परत जमा होने का खतरा रहता है। इन कई कारकों से गर्भावस्था में स्तन दर्द की समस्या आती है।
- दवाओं की वजह से – डॉक्टरों के अनुसार, जन्म नियंत्रण और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, निर्धारित दवाओं के दो ऐसे प्रकार हैं, जिनके कारण ब्रेस्ट में दर्द की समस्या आती है। दरअसल इसकी बड़ी वजह इन दोनों दवाओं में पाया जाने वाला हार्मोन का प्रभाव है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन इन दवाओं में मौजूद ऐसी ही घटक हैं, जो रजोनिवृत्ति के दौरान गर्भवती के इन हार्मोन को प्राकृतिक रूप से बाधित करते हैं और स्तनों में दर्द का कारण बनते हैं।
- ठीक ब्रा न पहनने से - कई मामलों में देखने में आया है कि फिटिंग वाली ब्रा न पहनने से भी गर्भवास्था के दौरान स्तनों में दर्द की समस्या होती है। अगर ब्रा बहुत तंग है व उसके कपड़े छोटे हैं, तो आंतरिक तार से आपके स्तनों पर दबाव बढ़ता है और इससे दर्द की समस्या आती है।
- एक्सरसाइज – गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द की एक वजह एक्सरसाइज भी है। दरअसल एक्सरसाइज के दौरान ब्रेस्ट के ऊतकों में खींच को रोकने के लिए पर्याप्त सपोर्ट की जरूरत होती है, सपोर्ट न मिलने से इनमें दर्द होने लगता है। अगर एक्सरसाइज करती हैं, तो उचित स्पोर्ट्स ब्रा जरूर पहनें।
- कैफीन - चाय, कॉफी, सोडा और चॉकलेट में सामान्य रूप से मौजूद कैफीन रक्त वाहिकाओं को फैलाते हैं। इससे भी स्तनों में दर्द की समस्या होती है।
- फाइब्रोसिस्ट – फाइब्रोसिस्ट भी प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन की एक वजह है। एक्सपर्ट का कहना है कि फाइब्रोसिस्ट स्तन परिवर्तन में, स्तन के रेशेदार ऊतकों में छोटे सिस्ट बनाते हैं, जो द्रव से भर जाते हैं और इसमें सूजन हो जाती है। इससे ब्रेस्ट में पेन होता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन होने पर आजमाएं ये घरेलू नुस्खे / Breast Pain While Pregnant- Home Remedies In Hindi
प्रेग्नेंसी में स्तनों में दर्द क्योंकि आम बात है, ऐसे में आप परेशान न हों। इस स्थिति से निपटने के लिए हम आपको बता रहे हैं कुछ उपाय, जो आपको काफी राहत देंगे।
- अलसी के बीज का पाउडर लें - अलसी के बीज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो स्तन के दर्द से राहत दिलाते हैं। इसलिए स्तनों में दर्द होने पर आप रोजाना एक चम्मच अलसी के बीज के पाउडर को पानी के साथ मिलाकर लें।
- खूब पानी पीएं – अगर आप भी इस तकलीफ से गुजर रहीं हैं, तो जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। दरअसल पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से स्वाभाविक रूप से अतिरिक्त तरल पदार्थ और हार्मोन शरीर में बेहतर तरीके से प्रवाहित होते हैं, जिससे दर्द से राहत मिलती है।
- अदरक और नींबू का सेवन - स्तनों में दर्द व सूजन है तो सादे पानी में अदरक का रस या नींबू का रस मिलाकर कई बार पीएं। नींबू और अदरक में आयुर्वेदिक चिकित्सकीय गुण पाए जाते हैं, जो प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता है और इससे दर्द से राहत मिलती है।
- वार्म शावर लें – प्रेग्नेंसी में स्तन दर्द कम करने के लिए गर्म पानी या भाप से स्नान करना भी काफी कारगर होता है। गर्मी से स्तन के आसपास की मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है।
- नमक कम खाएं - अधिक मात्रा में नमक का सेवन पानी को शरीर में रोककर रखता है। इससे स्तन भारी हो जाते हैं और इनमें दर्द होने लगता है। अगर आप इस दर्द से बचना चाहते हैं तो गर्भावस्था के दौरान नमक का सेवन कम करें। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि नमक का सेवन बंद न करें। दरअसल रक्त की मात्रा को बढ़ाने के लिए नमक आवश्यक है।
- फास्ट फूड से बचें – प्रेग्नेंसी के दौरान पिज्जा, बर्गर, सैंडविच जैसे फास्ट फूड खाने से भी बचें। इससे भी स्तनों में दर्द की समस्या हो सकती है।
- विटामिन ई और बी-6 – प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन से राहत पाने के लिए विटामिन ई और विटामिन बी-6 भी काफी कारगर है। विटामिन ई के लिए आप बादाम, जौ व गेहूं से बने पदार्थ ले सकती हैं। वहीं विटामिन बी-6 के लिए आपको एवकैडो, लीन मीट व पालक का सेवन करना चाहिए।
- गर्म और ठंडी सिकाई - ब्रेस्ट पेन कम करने के लिए आप आइस पैक स्तनों पर रखकर सिकाई कर सकती हैं। इससे ऊतक सुन्न हो जाते हैं, जो दर्द से राहत दिलाते हैं। अगर आइस पैक से राहत न मिले तो आप गर्म पैक का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे रक्त का संचार बढ़ेगा और दर्द से आराम मिलेगा। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा देर तक गर्म पैक को स्तन पर न रखें और पैक भी ज्यादा गर्म न हो।
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