शिशु-की-मालिश
नवजात शिशु की देखभाल के लिए कुछ महत्वपूर्ण ध्यान रखने योग्य बातें

नवजात शिशु की सही रूप से देखभाल करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। उनकी सही रूप से की गई देखरेख उनके बेहतर स्वास्थ्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक नई मां के मन में अपने बच्चे की देखभाल से संबंधित काफ़ी उलझनें होती हैं जोकि उसके समक्ष कुछ परेशानियों का कारण भी बन सकती हैं लेकिन हम यही कहना चाहेंगे कि यह समय परेशानियों का नहीं बल्कि अपने इस मातृत्व के सफ़र को यादगार बनाने व ख़ुशी से जीने का है क्योंकि अगर आप खुश रहेंगी तभी अपने शिशु को खुश रख पाएंगी। इसीलिए,हमारे द्वारा शेयर किये जाने वाले इन महत्वपूर्ण टिप्सों को अपनाकर आप अपने नवजात शिशु को बेहतर रूप से देखभाल कर सकते हैं।
1. स्तनपान है वरदान जी हाँ!! मां का दूध बच्चे के लिए अमृतपान से कम नही होता है। मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। स्तनपान करवाने से शिशु व मां के बीच भावनात्मक लगाव भी बढ़ता है। मां के स्तनों से शुरुआत में निकलने वाला गाढ़ा दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते है वह शिशु के लिए तरल सोने से कम नही होता। यह शिशु को प्रोटीन देने का भी काम करता है। इसीलिए शिशु को शुरुआती छः माह तक केवल स्तनपान ही करवाएं व उसके बाद उसे ऊपरी तरल आहार देना शुरू करें। व एक महत्वपूर्ण बात नवजात शिशु का पेट छोटा होता है जितनी जल्दी पेट भरता है उतनी ही जल्दी दूध जल्दी पचता भी है इसीलिए हर 2 से 3 घंटे बाद स्तनपान अवश्य करवाएं। व स्तनपान कराने के बाद डकार अवश्य दिलवाये।
2. ठूंठ (गर्भनाल) की देखभाल डिलीवरी के बाद गर्भनाल को काटकर जब शिशु को मां से अलग किया जाता है तो एक छोटा सा हिस्सा ठूंठ शिशु की नाभि पर रह जाता है। शिशु के इस हिस्से की देखभाल करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है ताकि शिशु को संक्रमण से बचाया जा सकें। जब तक ठूंठ सूखकर गिर नही जाता तब तक रोज़ ठूंठ के आसपास की जगह को पानी से साफ करके कपड़े से सुखाएं। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
3.बेहतर नींद नवजात शिशु पूरे दिन में 16 से 18 घंटे तक सोते है। वह लगातार तीन से चार घंटे तक सो सकते हैं। बच्चों को बेहतर नींद दिलवाने के लिए सबसे पहले उनका सोने का सही समय सुनिश्चित करें। सुलाने से पहले मालिश करके नहलाने से शिशु को अच्छी नींद आती है। शिशु को आरामदायक कपड़े व हो सकें तो डायपर पहनाकर सुलाएं क्योंकि बार बार बिस्तर गीला होने की वजह से शिशु की नींद टूट जाती है व वह रोने लगता है। साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित करें कि शिशु को सुलाते समय कमरे में किसी भी प्रकार का शोर या ज्यादा रोशनी न हो।
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4. मालिश करना लगातार दिन में दो बार शिशु की मालिश करने से उसके शरीर की थकान कम होती है व उसे आराम मिलता है। मालिश शिशु को अच्छी नींद दिलवाने में भी फायदेमंद होती है। मालिश करने का सही तरीका समझते हुए शुरुआती कुछ सालों तक शिशु की रोजाना दिन में दो बार अवश्य मालिश करें व उसे हल्की एक्सरसाइज भी करवाये। आप मालिश करने के लिए बेबी मसाज आयल या फिर मौसम के अनुसार तेल का चुनाव कर सकते हैं।
5. शिशु को नहलाना नवजात शिशु को नहलाना किसी चुनौती से कम नहीं!! खासतौर से जो पहली बार माता-पिता बने हैं उनके लिए। नवजात शिशुओं की त्वचा मुलायम और नाजुक होती है। ऐसे में उन्हें नहलाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन नहलाना भी जरूरी है क्योंकि शिशु को नहला कर साफ कपड़े पहनाना, उसके बेहतर स्वास्थ्य की ओर पहला कदम होता है। जन्म के तुरंत बाद शिशु को नहलाना उचित नही होता क्योंकि वह अपने शरीर का तापमान स्थिर नहीं कर पाते। हालांकि यह भी कहा जाता है कि शिशु का अम्बिलिकल कॉर्ड यानी गर्भनाल सूखने और गिरने के बाद ही शिशु को नहलाना उचित होता है। इससे पहले स्पोंजिंग कराना ही बेहतर रहता है। अगर आप एक नई मां है तो आप अपने शिशु को नहलाने के लिए घर के किसी बड़े का सहारा ले सकती है या फिर उनसे सीख सकती है।
6. डायपर केअर शिशु को ज्यादा लंबे समय तक डायपर न पहनाये क्योंकि इससे उसे इंफेक्शन व रैशेज़ हो सकते हैं जोकि शिशु के दर्द व रोने का कारण बन सकते हैं। डायपर के गंदा होते ही तुरंत उसे बदले व अगर आपको लगता है कि आपके शिशु के डायपर एरिया में रैशेज़ हो गए हैं तो आप नारियल तेल या फिर पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें।बच्चों के डायपर रैशेज़ को सही करने के घरेलू उपाय
7. टीकाकरण टीकाकरण शिशु के शरीर में इम्युनिटी पैदा करता है व उसे संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। इसीलिए यह बेहद आवश्यक है कि शिशु के पैदा होते ही उसको बचपन की सबसे आम और खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए उसके सभी टीके समय पर लगवाये जाने चाहिए। टीकाकरण से संबंधित सभी जानकारी आप अपने बाल विशेषज्ञ डॉक्टर से प्राप्त कर सकते है। तो यह थे हमारे द्वारा आपके शिशु की बेहतर देखभाल के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी अवश्य पसन्द आयी होगी। आपके मातृत्व का सफर सुखद व खुशहाल हो।
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