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गर्भावस्था को आसान बनाने के लिये 3 योगासन

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3 years ago

गर्भावस्था को आसान बनाने के लिये 3 योगासन

गर्भवती होते ही डाक्टर आपको काम करते रहने और चुस्त-दुरूस्त रहने की सलाह जरूर देते हैं और गर्भावस्था में खाली और सुस्त पड़े रहने की बजाय अगर आप पहली दो तिमाही के समय सक्रिय रहें तो मुमकिन है कि आपको जन्म देते समय कम दर्द के साथ-साथ आसान प्रसव का अहसास हो।

हालांकि, गर्भावस्था के समय पैदल चलना आमतौर पर सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है, पर प्रसव से पहले का योग, न केवल आपको चुस्त-दुरूस्त रखता है बल्कि आपके शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बना कर एक सेहतमंद शिशु को जन्म देने के लिये भी आपको तैयार करता है और यह मैं, अपने खुद के तर्जुबे से कह सकती हूँ। अपनी गर्भावस्था के समय मैंने नीचे दिये गये दो आसन किये जिसकी वजह से मेरा प्रसव बड़ी आसानी से हुआ और मुझे ज्यादा दर्द भी नहीं सहना पड़ा। 

अब मैं आपको उन तीन बुनियादी योगासनों के बारे में बताउंगी जो आप बड़ी आसानी से घर में ही कर सकती हैं और जो आपके तन-मन को एक आसान प्रसव के लिये तैयार करेंगे।   

1. नमस्कार करनाः यह बुनियादी योगासन है और ‘सूर्यनमस्कार’ का पहला आसन है। इसे करने के लिये अपने पैरों को कंधों के बीच की दूरी के बराबर लाकर खड़े हो जायें। अब अपने हाथों को नमस्ते करने की मुद्रा में जोड़कर अपनी छाती के करीब लायें और एक गहरी सांस लें, कुछ देर सांस रोके रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। अब आप आसन करने के लिये तैयार हैं।

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अब फिर से गहरी सांस लें और हाथ जुड़े रखकर धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुये जितना हो सके पीछे की ओर ले जायें। इस मुद्रा में खड़े रहें और आठ तक गिनें और फिर धीरे-धीरे वापस नमस्ते करने की मुद्रा आ जायें। यह आसन एक साथ 10 बार दुहरायें और दिन भर में कम से कम 5 बार करें।

ध्यान रखेंः आसन करते समय यदि आपको पीठ में थोड़ा सा भी खिंचाव महसूस तो हाथ उठा कर पीछे की ओर झुकने से परहेज करें पर हाथों को जोड़े हुये बार-बार सिर के ऊपर ले जाना-नीचे लाना जारी रख सकती हैं। यह आसन आपकी पीठ की मांसपेशिंयों को मजबूती देता है और आपकी पीठ और रीढ़ की हड्डी को पेट में बढ़ते हुये शिशु के वजन के साथ तालमेल करने में मदद करता है।

2. पेट से सांस लेनाः यह एक और आसानी से किया जा सकने वाला आसन है जो आपके प्रसव के समय मददगार होता है। आपको बस जमीन पर चटाई बिछाकर उस पर पालथी मारकर बैठना है। अब अपने हाथों को अपने पेट पर रख लें और गहरी सांस लें, थोड़ी देर रूकें और फिर सांस छोड़ें। 6 तक गिनती करते हुये सांस अंदर लें, सांस रोकें और 4 तक गिनें और फिर सांस छोड़ते हुये 8 तक गिनें। इस समय अपने चेहरे की मांसपेशियों पर जोर न पड़ने दें। शुरूआत में यह 5 बार करें और धीरे-धीरे इसे 20 बार तक बढ़ायें। यह आसन आपको दिनभर में 5 बार करना चाहिये और यदि कोई परेशानी न हो तो जितनी बार हो सके करें।

ध्यान रखेंः यह आसन प्रसव होते समय ठीक से सांस खींच कर जोर लगा पाने के लिये आपको तैयार करता है।

3. शिशुआसन करनाः

यह आसन आपकी उन सभी मांसपेशियों को आराम देने में मददगार होता है जो ऊपर लिखे हुये आसानों को करते समय काम करती है।

जब छोटा सा शिशु अपने हाथ और घुटने के सहारे चलता है, इस आसन को करने के लिये आपको वैसी ही मुद्रा बनानी है। अब अपने कूल्हों को पैर की एड़ियों पर रख कर आगे झुकें और अपने हाथों को सामने फैला लें। शिशु के जैसे ही अपनी ठोढ़ी को अपनी छाती से छुलायें, और सांस लें और छोड़ें। अब फिर से उसी अवस्था (जब शिशु अपने हाथ और घुटने के सहारे चलता है) में आ जायें। इसे शुरूआत में पांच बार करें- यह आसन आप दिन भर में 3-5 बार कर सकती हैं।

तो माँ बनने जा रही मेरी प्यारी बहनों, अपनी डाक्टर से बात करने के बाद इन आसनों का अभ्यास शुरू करिये और खुद इसके असर को देखिये-आपको अदंरूनी ताकत और शांति का अहसास होगा। अगर आपको कोई और आसनों की जानकारी है तो अपनी गर्भवती दोस्तों के साथ इसे साझा करें, अपने सुझाव दें और अपनी गर्भावस्था का आनंद लें। 

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