ये है टीवी सीरियल्स के बेस्ट पापा

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2 months ago

ये है टीवी सीरियल्स के बेस्ट पापा

 

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टीवी सीरियल्स के कलाकार भी हमारी जिदंगी में खास जगह बना लेते हैं। अभिनय के लिए इन कलाकारों को क्या कुछ नहीं करना पड़ता। वे अपनी असली जिदंगी के रिश्तों को भूलाकर शो में काम करते हैं। और शो में मिले रिश्तो को अपनी पूरी लगन और मेहनत से निभाते है। जैसे पति पत्नी का रिश्ता,भाई बहन, माँ बेटा और ऐसे कई रिश्ते है जो कलाकार फैमिसी की तरह निभाते है।  इन्ही में से एक रिश्ता है, बेस्ट पापा का, टीवी सीरियल के पापा भी अपनी भूमिका सीरियल में उसी तरह निभाते है, जैसे वो अपने बच्चो के साथ अपनी रियल जिन्दगी में निभाते है। दरअसल हमारे जीवन पर फिल्मों और टीवी शोज का बहुत असर पड़ता है, यहां तक की अपनी रियल जिन्दगी में भी वैसा ही अपनाने की कोशिश करते है। आज कल टीवी में भी कुछ अच्छे सीरियल्स हैं जिनमें पारिवारिक रिश्तों को काफी मजबूती के साथ दर्शाया जाता है। आइए जानते है, ऐसे ही कुछ स्टार्स के बारे में जिसमे छोटे पर्दे पर बेस्ट पापा का किरदार निभाया है।  

 

ये है मोहब्बतें के बेस्ट पापा रमन अपनी बेटी के साथ:- रमन और इशिता की प्यारी बेटी अपने पापा के बारे में अच्छी अच्छी बाते बोलती है। और रमन अपनी बेटी के मुंह से इतनी प्यारी बातों को सुनकर बहुत खुश होता है। लेकिन रूही का अच्छी अच्छी बातों के पीछे एक मकसद होता है। उसे अपने पापा से विडियो गेम चाहिए। जिसके लिए उसकी इशी माँ पहले ही मना कर चुकी है और अब वो अपने पापा को कनवींस करने की कोशिश करती है और रमन एक बेस्ट पापा का किरदार निभाते हुए अपनी बेटी को किसी भी चीज के लिये मना नहीं कर सकते।  

इसीतरह दुसरे एपिसोड में, जिन्दगी के इस मोड़ पर जहा रमन का पूरा परिवार रमन से रूठा हुआ है। वही ऐसे नाजुक वक्त पर रूही ने अपने पापा का साथ दिया। बेटीयां तो आखिर बेटियां ही होती है। बेटियां जब पैदा होती है, तो कहने वाले कहते है की बेटियां पराया धन होती है। लेकिन यहाँ किस तरह रूही ने अपने पापा के आंसू पोछे, कैसे उनके दिल के दर्द को पहचाना और अपने पापा के आंसू पोछने आई।  

 

ये रिश्ता क्या कहलाता है में नैतिक अपने बेटे नक्ष और पत्नी अक्षरा के साथ:-  

अपनी माँ से नाराज है नक्ष। अब अक्षरा को समझ नहीं आ रहा की वो अपने बेटे को कैसे समझाए। अक्षरा नक्ष के सामने खुद को बेबस पा रही है। वो इसकदर खुद को लचार समझ रही है की आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे नक्ष की नाराजगी की वजह कुछ और नहीं बल्कि अपने परिवार के साथ आग में फस जाना है। उस वक्त नक्ष को लगा की मम्मी पापा में सिर्फ नायरा को बचाया। उसे बचाने दोनों में से कोई नहीं आया। उसकी जान तो किसी और ने बचायी। फिर जल्द ही नैतिक के समझाने पर नक्ष को रोती हुई माँ की बात समझ में आ गई और दोनों के बीच दूरियां ख़त्म हो गयी।  

 

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इस सीन के बाद हमें नैतिक, अक्षरा, नक्ष और नायरा का एक क्यूट सा सीन भी देखने को मिला। सभी ने मिलकर अपनी फॅमिली बाउंडनेस को मजबूत करने के लिए और अपने रिश्तो को यादगार बनाने के लिए  पेपर शीट पर अपने अपने हाथो के छाप दिए। अब नन्ही नायरा तो ये नहीं कर सकती थी। ऐसे में नैतिक ने ही उसका हाथ रंग में डुबोया और पेपर पर छाप दिया। इसी तरह बहुत सरे सीन है, जिसमे कलाकार बेस्ट पापा का किरदार बखूबी  निभाते हैं।

 

दिया और बाती हम में सूरज अपने बेटे के साथ:-

अब सूरज अपनी जिन्दगी में आगे बढ़ना चाहता है अब कुछ भी करके दीखाना चाहता है सूरज। अपने बेटे की नजरो में पापा न.1 बनेगा सूरज।  और इसी सपने को साकार करने के लिए सूरज ने एक बहुत बड़ा होटल खोलने का खवाब देखा है। वो नहीं चाहता की उसका बेटा उसको हलवाई कहकर पुकारे।  सूरज का ये सपना है की उसका बेटा उसे पापा द ग्रेट समझे। सूरज ने यह तय कर लिया है की अब वो अपनी जिन्दगी में कुछ कर के दिखलायेगा और एक बड़ा आदमी बनेगा।  उसका बेटा बेद भी इस सपने को लेकर बहुत खुश है।

 

इसी तरह कलाकार अपने टीवी सीरियल के अभिनय के द्वारा हर पेरेंट्स को ये प्रेरणा देने की कोशिश करते है की आप अपनी रियल जिंदगी में भी अपने बच्चे के लिए बेस्ट पापा बने।  

 

 

 

 

 

 

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