क्या है पास्ट लाईफ रिग्रेशन थे ...
क्या है पास्ट लाईफ रिग्रेशन थेरेपी

यह एक ऐसा ही मनोवैज्ञानिक तरीका है जिसमे किसी भी इंसान को सम्मोहन के जरिये उसकी बीती ज़िंदगी की यादों मे ले जाया जा सकता है। पास्ट लाईफ रिग्रेशन थेरेपी के जरिये न सिर्फ किसी इंसान के पिछले जन्म की घटनाओ तक पहुचा जा सकता है बल्कि मनोवैज्ञानिक पद्धति के द्वारा कई दिक्कतों से छुटकारा पाया जा सकता है। पास्ट लाईफ रिग्रेशन की प्रक्रिया मे इंसान को चेतना अवस्था मे परिवर्तन किया जाता है। चेतना की इस अवस्था मे इंसान की सुझाव ग्रहण करने की क्षमता मे एकदम से तेजी आ जाती है और वह सुझावों पर अमल भी करने लगता है। इसमे सम्मोहन के जरिये पिछले जन्म की घटनाओं को भी याद कराया जाता है। इसका उदेश्य इंसान के वर्तमान परेशानी तक पहुचना होता है जैसे की कोई डर, रिश्ते मे दिक्कत, कोई बीमारी । उस घटना तक पहुचकर इस के माध्यम से इंसान को उससे जुड़ी दिक्कत को वही छोड़ने की आदेश दी जाती है। इससे इंसान उस पीड़ा, दिक्कत या डर से छुटकारा पा लेता है।
पास्ट लाईफ थेरेपी कब मददगार हो सकते है(पीएलआरटी) / When Past Life Therapy Can Be Helpful
लगभग हर प्रकार की चिकित्सा यह मानती है कि एक व्यक्ति के पिछले दुख के प्रभाव और महत्वपूर्ण घटनाएं वर्तमान पर प्रभाव डालती हैं।पीएलआरटी मानता है कि अचेतन मन इस जीवनकाल से परे चला जाता है। यह बचपन, जन्म के पूर्व और जन्म काल से परे कि घटनाओं,नतीजों और उन घटनाओं का आपके वर्तमान पे हो रहे असर को पता लगाता है।
- लम्बे समय के प्रयासों के बावजूद, व्यवहार और रवैया मे परिवर्तन ना आने के चलते परेशान रहना।
- किसी रिश्ते मे खुद को दूसरे व्यक्ति के लिए तीव्र आकर्षण,घृणा, दुशमन आदि महसुस करना।
- भय - तीव्र भय, जैसे उचाई या पानी का डर जो वर्तमान जीवन में किसी भी अनुभव से जुड़ा नही हैं।
- कुछ पुरानी शारीरिक बीमारियां, उत्तेजना और दर्द।
- आपके जीवन के दौरान प्रतीत होने वाले प्रमुख दृष्टिकोण या भावनाएं।
- आपकी मान्यताएं जैसे कि "मुझे अकेला छोड़ दो", "कोई भी मुझे नहीं समझता", "जीवन उचित नहीं है", "मुझे अकेले ही करना है"
क्या यह प्रक्रिया सुरक्षित है -- यह एक बहुत ही सुरक्षित मनोचिकित्सा है। इसमे किसी भी बेहोशी की दवाई या किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह आपकी इंद्रियों दृष्टि, ध्वनि, स्पर्श, स्वाद, गंध और प्राकृतिक सुझबूझ या अंतर्ज्ञान को शामिल करता है ।इसमे आपके शरिर को आराम करने और अपने दिमाग को खोलने को कहा जाता है, इसके लिये आपको कुछ नही करना होता ,आपके विचार / दर्शन या भावनाएं आपको आती जयेंगी और आप बोलते जायेंगे इस प्रकिया मे सम्मोहन तकनीक का उपयोग भी किया जता है।
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