कैसे करें अपने पति को शामिल बच्चे के पालन-पोषण में

3 to 7 years

Priya Garg

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7 months ago

कैसे करें अपने पति को शामिल बच्चे के पालन-पोषण में

आज कल अधिकांश मम्मी-पापा नौकरी करते हैं कुल मिलाकर वर्किंग पैरेंट्स का कल्चर बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों में भी देखने को मिल जाता है। अब जाहिर है कि जब पति-पत्नी दोनों काम करते हैं और दोनों मिलकर पैसे कमाते हैं तो ऐसे में घर के कामों खासकर के बच्चे की परवरिश में भी दोनों की अहम भूमिका होनी चाहिए। लेकिन होता ये है कि घर की ज़िम्मेदारी अभी भी केवल मम्मी या यूं कहें की औरतों तक आकर  रुक जाती है। ये बहुत ज़रूरी है की बच्चों के पालने में भी मम्मी और पापा दोनों का बराबर किरदार हो। वे दोनों ही अपने बच्चे की ज़िम्मेदारी लें।
 

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बच्चों की देखभाल के काम में पति को इन तरीकों से करें शामिल। Include Husband In These Ways In The Care Of Children In Hindi

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 बच्चे के पालन-पोषण और उनकी देखभाल में आप अपने पति को शामिल जरूर करें। इसके लिए आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकती हैं।
 

  1. अक्सर ऐसा देखा जाता है की बच्चों को सुबह उठाने की ज़िम्मेदारी मम्मी की ही होती है। वह ही सुबह जल्दी उठकर बच्चे को उठाती है और साथ ही साथ बाकी ज़िम्मेदारियाँ भी पूरी करती है। ऐसे में दिन की शुरुआत अपने पति को बच्चे की देखरेख में शामिल करके की जा सकती है। सुबह बच्चे को उठाने की और उसके काम करने की ज़िम्मेदारी अपने पति को दें और आप घर के काम संभाले।
     
  2. बच्चों को स्कूल से लाने और ले जाने की ज़िम्मेदारी भी एक-दूसरे के साथ बाँटें। सुबह आपके पति बच्चे को स्कूल छोडने जा सकते हैं और लेने के लिए आप जा सकती हैं। इस तरह आप दोनों को बच्चे के साथ टाइम बिताने और स्कूल की बातें जानने का मौका मिलेगा।
     
  3. अगर आप खाना बना रही है तो बच्चे के साथ बैठकर उसे खाना खिलाने की ज़िम्मेदारी पति को दी जा सकती है। इस तरह से वह बच्चे के साथ तसल्ली और प्यार से काम करना सीखेंगे। बच्चे के साथ खाना खाते हुए समय बिताना दोनों में प्यार को भी बढ़ाएगा।
     
  4. अक्सर बच्चों के स्कूल में टीचर और मम्मी-पापा की मीटिंग्स होती रहती है और ऐसी मीटिंग्स में छुट्टी न मिल पाने के कारण अक्सर केवल मम्मी ही जाती हैं। आपके पति के लिए भी ये जानना बहुत ज़रूरी है की बच्चे के स्कूल में क्या हो रहा है। इसलिए अगर एक मीटिंग आप अकेले अटटेंड करती है तो दूसरी में अपने पति को अपने साथ ज़रूर लेकर जाएँ।
     
  5. हफ्ते में एक दिन अपने पति और पूरे परिवार के साथ घर में या घर से बाहर बच्चे के साथ समय ज़रूर बिताएँ। उन्हें अपनी बातें बताने का मौका दें और उनके साथ अपने दिनभर के कुछ किस्से बाँटें।
     
  6. रात में बच्चों को कहानी सुनकर या बातें करके सोना पसंद होता है। क्यों ना ये ज़िम्मेदारी कभी-कभी अपने पति को दी जाए। इससे बच्चे पापा के साथ भी सहज होना और मम्मी के बिना सोना भी सीखेंगे।  
     

ये ऐसे छोटे-छोटे तरीके हो सकते हैं जिससे अपनी पति पर बोझ बढ़ाए बिना उन्हें बच्चों के पालन-पोषण और देखरेख में शामिल किया जा सकता है। 

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