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क्या हैं रागी(Ragi) के फायदे आपके बच्चे को निरोगी रखने के लिए ?

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क्या हैं रागी(Ragi) के फायदे आपके बच्चे को निरोगी रखने के लिए ?

Published: 09/07/25

Updated: 09/07/25

रागी हमारे बच्चो के जीवन में बहुत ही लाभदायक पोषक तत्व है। यह देखने मे बिलकुल सरसों जैसा लगता है।  रागी अपने अमीनो एसिड मिथियोनाइन के लिए महत्तपूर्ण माना जाता है। रागी मे कैल्शियम और प्रोटीन दोनों ही बहुत प्रचुर मात्रा मैं पाया जाता है। रागी के ऊपरी परत को पचाया नहीं जा सकता इसलिए इस अनाज का प्रयोग करने से पहले इसको धोकर इसके छिलके को निकालना आवश्यक होता है। इस प्रक्रिया को करने के बाद इसे अंकुरित किया जाता है। जिससे ये खराब नहीं होता। इससे इसकी पोष्टिकता बनी रहती है। इसका प्रयोग बच्चो के लिए खिचड़ी, हलवे या फिर बच्चो के कई प्रकार के आहार बनाने में कर सकते है। 

रागी बाजार में मिललेट के रूप में या आटे के रूप में आसानी से मिल जाता है। नहीं तो आप इंटरनेट (ऑनलाइन शॉपिंग) से भी मँगवा सकते है। रागी पोष्टिकता से भरा शानदार अनाज तो है ही साथ ही इसमे 6.7 प्रतिशत उच्च गुणो वाला प्रोटीन भी होता है। रागी को देश के अलग-अलग हिस्सो में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे कि बिहार में रागी को मड़ुआ कहा जाता है। इसका प्रयोग पारंपरिक रूप से शिशु के लिए खाने के रूप में किया जाता है। रागी का पोररिज बनाने मे आसान होता है और अगर आपका बच्चा इसे पचा सके तो, थोड़े पहले से भीगे हुए सूखे मेवे के साथ मिला कर इसकी पोष्टिकता और भी बढ़ाई जा सकती है।

रागी आपके बच्चे के कितना लाभदायक है ? /How Ragi Is Beneficial for Your Child in Hindi

रागी को देश के अलग-अलग हिस्सो में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे कि बिहार में रागी को मड़ुआ कहा जाता है। इसका प्रयोग पारंपरिक रूप से शिशु के लिए खाने के रूप में किया जाता है। तो आइये इस ब्लॉग में हम जानते हैं कि रागी से बने आहार आपके बच्चे के लिए कितने पौष्टिक हैं।

  • रागी का प्रयोग शिशु के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है। रागी को पोष्टिकता और पोषक तत्वों से भरपूर माना गया है। रागी का दलिया बच्चे को जन्म के छ: महीने बाद से खिलाया जाता है। 
  • रागी शिशुओ की बेहतर पाचन शक्ति को बढ़ावा देता है। इसमे मौजूद उच्च केल्सिउम और आइरन सामाग्री हड्डी विकास और शिशु के शरीर विकास के लिए उपयोगी है।
  • शिशुओ को माँ का दूध छुड़ाकर कुछ खिलाने की प्रक्रिया के दौरान विशेष रूप से संसाधित रागी पाउडर व्यापक रूप से उपलब्ध कराये जाते है। [जानें - 10 असरदार टिप्स बच्चे को मां का दूध छुड़ाने के]
  • जो महिला अपने बच्चे को अपना दूध पिलाती है। उन्हे अपने आहार में रागी को शामिल करना चाहिए।  जो विशेषकर हरा होता है क्यूकी यह माँ के दुध को बढ़ाता है और दूध को आवश्यक एमिनो एसिड, लोहा और कैल्सियम प्रदान करता है जो माँ और बच्चे के पोषण के लिये आवस्यक है।

शिशुओ के लिए रागी सेवन की विधि/ Ragi Consumption Method For Infants in Hindi

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आप अपने बच्चे इन तरीको से रागी आहार दे सकते हैं। जानें..

#1. रागी का हलवा

रागी का हलवा बनाने के लिए घी को कड़ाई में हल्की आँच पे गरम करे। फिर उसमे रागी का आटा मिलाकर पाच, सात मिनट तक घी में भूने। फिर ईलाईची और चीनी मिलाए और चीनी  के पूरी तरह मिलने तक हलवे को धीमी आँच पे पकाए। रागी का हलवा, 6 से 12 महीने के बच्चों के लिए बहुत ही पौष्टिक बेबी फ़ूड है। 6 से 12 महीने के दौरान बच्चों मे बहुत तीव्र गति से हाड़ियाँ और मासपेशियां विकसित होती हैं। और इसलिए शरीर को इस अवस्था मे कैल्सियम और प्रोटीन की अवश्यकता पड़ती है। 


#2. रागी की खिचड़ी 

शिशु के लिए रागी की खिचड़ी बनाने के लिए मूंग दाल और रागी के दानो को चार घंटे लिए पानी में भिगो दें। अब मूंग दाल और रागी और हींग को कुकर में मध्यम आंच पे चढ़ा दें। तीन से चार सिटी तक इसे पकाएं। जब ये पक जाये तो कुकर के आंच को बंद कर दें और कुकर को ठंडा होने के लिए छोड़ दें। रागी की खिचड़ी शिशु के लिए तैयार है।   

#3. रागी पोररिज 

रागी नन्हें शिशु और छोटे बच्चो के खाने के लिए मशहूर है । बच्चों के लिए रागी पोररिज बनाने के लिए जरूरत मात्रा में रागी को पानी में भिगोकर पीस ले । रागी के दूध को छानकर थोड़े से घी, नमक या दूध में पका ले गाढ़ा होने तक पका ले। रागी के आटे के पेस्ट को दूध में और अपनी पसंद के फल, सूखे मेवे और नट्स से मिलाकर एक आसान सा पोररिज भी शिशु के लिए बनाया जा सकता है।
 रागी का रंग पकाने के बाद गहरा भूरा हो जाता है और इसीलिए बच्चो को शायद पसंद न आए। इसलिए रागी को अन्य अनाज के साथ मिला कर इस पोष्टिक खाने को उनके आहार मे मिला सकते है।
 

रागी बढ़ते हुए शिशु की हड्डियोँ को मजबूत करने के लिए बहुत ही लाभदायक माना गया है। इसमे मौजूद उच्च केल्सिउम और आइरन सामाग्री हड्डी विकास और शिशु के शरीर विकास के लिए उपयोगी है। अपने शिशु के आहार में रागी को शामिल करें और इसके इस्तेमाल से बनेगा आपका बच्चा निरोग।   
 

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