CBSE Circular पहली व दूसरी क्लास के बच्चों के स्कूल होमवर्क के लिए

माता-पिता होने के नाते अपने बच्चे को समय पर स्कूल भेजना आपकी प्राथमिकताओं में से एक होगा। आपके लिए वो दिन हमेशा यादगार रहेगा जिस दिन आपका बच्चा पहली बार स्कूल में दाखिल हुआ होगा। स्कूल को जीवन के एक अहम पड़ाव के रूप में जाना जाता है। बदलते वक्त के साथ-साथ स्कूलों में भी नित्य नए प्रयोग किए जा रहे हैं ताकि छोटे बच्चों को स्कूल जाना कहीं से भी बोझ ना लगे और अब इसी कड़ी में बच्चों के स्ट्रेस को दूर करने और खुशनुमा माहौल में पढ़ाई कराने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने भी एक अच्छी पहल की है। तो आइये जानते हैं CBSE बोर्ड के इस New Circulr के बारे में जो स्कूलों को जारी किया गया है । इसे भी पढ़ें: बच्चों के बैग्स और बुक्स के वजन सम्बंधित सरकार की नई गाइडलाइन
CBSE यानि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने छोटे बच्चों को स्ट्रेस-फ्री करने के लिए एक सर्कुलर को दोबारा सभी स्कूलों को भेजा है। 23 दिसंबर 2005 के इस सर्कुलर में छोटे बच्चों के लिए सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए थे और अब इसको गंभीरता से लागू करने के लिए सभी सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों को भेजा है। CBSE के इस सर्कुलर के मुताबिक सभी प्रिंसिपल को कुछ आदेश दिए गए हैं जिनका स्कूलों में पालन करना अनिवार्य होगा।
CBSE के सर्कुलर से जुड़ी खास बातें/ What is CBSE's New Circular for Session 2018-19 in Hindi ?
CBSE के इस नए Notification सर्कुलर के मुताबिक, अब स्कूल् को इन नए नियमों का पालन करना आवश्यक होगा ! जाने क्या हैं नए नियम ...
- अब पहली और दूसरी कक्षा में बच्चों को फेल नहीं किया जा सकता है।
- पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे अपनी किताबें स्कूल में ही छोड़ सकते हैं, सभी स्कूलों में ऐसी सुविधाएं होनी चाहिए
- तीसरी से पांचवी कक्षा के बच्चों को होमवर्क की बजाय अन्य विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए
- पहली क्लास से लेकर पांचवी क्लास के बच्चों के लिए लगातार और व्यापक मूल्यांकन का परिचय कराया जाए
- बच्चों को कक्षा लाइब्रेरी के बारे में भी बताया जाना चाहिए
- बच्चों की रिपोर्टिंग में स्कूल में हासिल की गई उपलब्धियों को भी शामिल किया जाना चाहिए
- पांच प्वाइंट का ग्रेडिंग सिस्टम होना चाहिए
- प्राइमरी लेवल पर ही बच्चों को डांस, म्यूजिक और कला जैसे विषयों से परिचित कराया जाना चाहिए ताकि उनकी रूचि को विकसित किया जा सके
- पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए भले पास-फेल का सिस्टम हटा दिया गया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कोर्स को जारी रखने के लिए कोई एग्जाम नहीं कराया जाए
- बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को तनावपूर्ण बनने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं
CBSE के मुताबिक कई स्कूल इन निर्देशों का अच्छे से पालन नहीं कर रहीं हैं और अब सभी स्कूलों को इन दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। ये तो बात स्कूल की हो गई लेकिन माता-पिता होने के नाते आपको भी ध्यान देने की जरूरत है कि आप अपने बच्चे पर पढ़ाई के लिए दबाव ना डालें।
बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बनाने से बेहतर है कि आप ये उपाय आजमाएं। Smart Tips For Children To Study In Hindi
बच्चों पर किसी भी बात के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए और खास करके पढ़ाई के लिए तो बिल्कुल नहीं।
- बच्चों पर पढाई का दबाव बनाने से उन पर नकारात्मक असर पड़ता है। अगर उनपर किसी तरह का प्रेशर बनाया गया तो संभव है कि वे पढ़ाई को बोरिंग मान लें।
- आप अपने बच्चे के साथ बैठकर उनको खेल-खेल में मनोरंजन करते हुए पढ़ाने का प्रयास करें
- बच्चे को चैप्टर रटवाने की बजाय पहले लॉजिक के साथ विषय-वस्तु को समझाने का प्रयास करें। अगर बच्चे को समझ में आ गई तो फिर ये उनको खुद-ब-खुद याद हो जाएगा
- बच्चे को जब कभी पढ़ाने बैठें तो उनको ज्यादा से ज्यादा उदाहरण देकर समझाएं
- बच्चे को कोई भी बात समझानी हो तो आसान भाषा में समझाएं
घर-परिवार का माहौल जितना खुशनुमा बनाए रखेंगे आपके बच्चे की पढ़ाई के प्रति उतनी ज्यादा जिज्ञासा बनी रहेगी।
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